. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
Irrespective of a single’s social position or authority, By reciting this, they achieve purity and victory. Even those people who are childless and yearning for needs, Will definitely obtain blessings throughout the grace of Lord Shiva.
कठिन Shiv chaisa भक्ति Shiv chaisa देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥